ज़ालिम मन और उसके पैतरे | काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से बचना है बहुत बड़ी बात | जानिए क्यों और कैसे:-

Human vs. God | Papathegreat

The Five Big Rocks Inside A Human Are : KAM-VASNA, KRODH, LOBH, MOH and AEHNKAR.

डॉ बाबा, गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि रब, मालिक, खुदा और भगवान का प्यार इतना मीठा और सच्चा होता है कि अगर इंसान दुनियावी जूठे इश्क़ के चक्रों से निकलकर एकबार अगर उस मालिक के सच्चे प्यार में लग जाए और उसके प्यार का मीठा रस का स्वाद चख ले तो वो प्यार कभी खत्म नही होता । वो प्यार दिनों दिन बढ़ता चला जाता है । दुनिया में तूफ़ान आए या कोई भी गम-दुःख परेशानी आए, लेकिन अगर इंसान ने एक बार उस मालिक रब से कनेक्शन जोड़ लिया तो दुनिया में ऐसी कोई शक्ति नहीं जो उसे तोड़ पाए ।

Mentors Are Like Compass : Both Provide The Right Directions To Lost Persons In Labyrinth.

संत, पीर फ़कीर तो केवल रास्ता बता सकते हैं कि इंसान को किस तरफ जाना चाहिए और किस तरफ नहीं । आगे इंसान की मर्ज़ी है कि वो क्या करता और क्या नहीं । गुरु जी फरमाते हैं कि मालिक का प्यार अमर हुआ करता है, अगर एक बार हो गया तो वो दुनिया के जूठे प्यार की तरह छोटी छोटी बातों पर साथ नहीं छोड़ता । मालिक का प्यार तो बेहद खुशियाँ बख्शता है, वो तो गुनाहगारों को निजधाम, सचखण्ड, सतलोक, अनामी पहुँचा सकता है ।

लेकिन उस मालिक के सच्चे प्यार में पड़ना कोई आसान काम या 2-3 दिन का काम नहीं है । पुराने ज़माने में तो लोग आत्मिक शांति और भगवान के दर्शन पाने के लिए दूर दूर जंगलों में जाया करते थे और वहाँ पर एक पैर पर खड़े होकर भक्ति किया करते थे पर फिर भी ये सुनिश्चित(पक्का) नहीं होता था कि मालिक के दर्शन होगें या नहीं । मालिक के प्यार को पाने के रास्ते में बहुत रुकावटें व अड़चने आती हैं । जब इंसान कोई भी अच्छा और नेक काम करने जाता है तो अगर उसको रास्ते में कोई तकलीफ या परेशानी ना आए तो समझ लीजिए कि वो काम गलत है, हाँ वो बात अलग है कि जिसकी यारी अगर उस अल्लहा-राम-भगवान से हो गयी हो तो उसके लिए तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता कि उसके नेक कर्म के बीच मन का कोई हथियार आ जाए ।

आप अपनी ज़िंदगी का कोई भी उदहारण ले सकते हैं जिसमे कि आप कोई अच्छा काम करने जाते हैं और वहाँ आपको कोई न कोई तकलीफ अवश्य आती है । उदहारण के तौर पर हमारे देश के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा ₹500 व ₹1000 के नोट बन्द करने के फैसले में कितनी अड़चने और मुश्किलें आ रही हैं, ऐसे ही अगर आप कोई नया बिज़नस शुरू करते हैं तो उसमें भी बेहद तकलीफें आती हैं ।

Suffering and Happiness : Is The Name Of Life.

इसलिए तो कहा गया है कि सुख और दुःख का नाम ही तो ज़िन्दगी है । अगर इसमे से कोई एक न हो तो ज़िन्दगी में कुछ नया सीखने को नहीं मिल पाता । दुःख-सुख के आने पर ही तो इंसान की असली औकात पता चलती है । गुरु जी फरमाते हैं कि यहाँ हमारा औकात से कोई गाली गलोच करना नहीं है, हमारा फ़र्ज़ तो सच बोलना है अब वो सच कहाँ किसको और कैसे चुभे वो मालिक जाने । गुरुओं द्वारा बोले गये वचनों में सच्चाई एक स्पिरिट की तरह होता है, आप स्पिरिट को पूरे शरीर पर लगा कर देख लो कुछ नहीं होगा लेकिन जहां जख्म है वहाँ वो आग की तरह जलेगा । और ये जख्म और दर्द कोई और नहीं देता बल्कि इंसान के ही अंदर बैठा उसका जालिम मन उसे देता है ।

मन हर एक वो हथियार का इस्तेमाल करता है जिससे इंसान मालिक से दूर हो जाए, जैसे कि काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार । लेकिन गुरुओं और पीर-फकीरों के वचन भी स्पिरिट की तरह होते हैं जोकि उन जख्मों को धीरे-धीरे राम के नाम की दवाई से भरते हैं अर्थात ठीक करते हैं । मालिक के प्यार में चलने वालों को अपना दिल और दिमाग उस जालिम मन से लड़ने के लिए पत्थर से भी ज़्यादा मज़बूत बनाना पड़ता है । इंसान को छोटी छोटी बातों पर अपने लक्ष्य से हटना नही चाहिए, फिर चाहे वो काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार या फिर कोई भी दुनियावी हथियार ही क्यों न हो ।

हमारे अनुसार काम-वासना का सीधा सीधा अर्थ है कि 'इच्छा' या 'लत', अब अगर आप इसको दुनिया में या बुरे कर्मों में लगाते हैं तो आपके जख्म दिनों दिन बढ़ते चले जाते हैं और अगर वही मेहनत और प्यार अगर आप मालिक, रब और खुदा की याद में लगाते हैं तो आप उसके दर्श दीदार के काबिल बनते चले जाते हैं । दुनिया के प्यार का क्या है, आज प्यार हुआ तो कल को कभी न कभी शीशे की तरह मन के हाथों लग कर चकनाचूर हो जाएगा । यहीं से मन अपना जाल बुनना शुरू करता है, पहले काम वासना, फिर क्रोध, फिर लोभ, फिर अपनों के लिए मोह और फिर मोह न लगने पर अहंकार को चोट लगना, ये सभी मन की हरकतों के लक्षण हैं ।

Not The DEATH But The EGO That Kills A Man.

पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि यदि इंसान धर्मों के अनुसार प्यार-मोहब्बत में चलना चाहते हैं तो सबसे ज़रूरी और मुख्य बात है कि अपनी खुदी को मिटा दें ।अगर खुदी मिटा दोगे तो कोई जैसा चलाए वैसे चलना, जैसा रखे वैसा रहना सीख जाओगे तो हम गारन्टी लेते हैं कि वो मालिक काँटों पर नहीं बल्कि मखमल और फूलों पर ही चलाएगा । जैसा रहने और सिखने से ये मतलब नहीं कि दुनिया के ज़ुल्म-सितम सहते रहो । इसलिए गुरु जी ने कई बार फ़रमाया कि इंसान को रहना मस्त और होना हुशियार चाइये, ताकि दुनिया मासूमियत का गलत फायदा न उठा पाए । इसलिए दुनिया के बारे में सोचना छोड़ो और खुद कुछ करना शुरू करो । आज नहीं तो कल, मालिक अपने आप जिसको जैसा फल और शिक्षा देनी है वो दे देगा, हम क्यूँ खुद का दिमाग और समय व्यर्थ करें । यही समय अगर इंसान मालिक की याद में लगाए तो ना जाने कितनी खुशियाँ इंसान अपनी झोलियों में भर जाए और कितने दुखों और चिंताओं की झोलियाँ मालिक के नाम दे जाए । क्योंकि मालिक हमेशा देता है और बदले में इंसान के गम दुःख परेशानियां को ले लेता है । इसलिए राम का नाम जपो और अपने आप में मस्त रहो, दुनिया की बुरी बातों की परवाह मत करो ।।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

Popular Posts

पढ़ाई से पहले प्रार्थना

सुबह-शाम सुमिरन से पहले प्रार्थना

संत बाबा राम रहीम की फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी एक ओर सच्चाई का हुआ पर्दा फास | लोगों को देखने के लिए मिला सच्चाई का अनूठा रूप :-

खाना बनाते टाइम प्रार्थना (हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में)

Prayer In Morning By Dr. MSG