Prayer In Morning By Dr. MSG
सुबह-सवेरे की प्रार्थना
हे मालिक ! दिन भर में मुझसे कोई ऐसा कर्म न हो,
जो तेरी नज़र में गुनाह हो |
हक-हलाल की कमाई करके खाऊं |
किसी का दिल न दुखाऊं | सबसे नि:स्वार्थ प्रेम करूं |
जितना हो सके चलते-फिरते सुमिरन करूं |
सच्चे सतगुरु जी हरपल आप जी की याद बनी
रहे जी | हे मालिक ! अच्छे कर्म करूं,
सबका भला करूं, तेरे दर्श कर सकूं |
Prayer in morning
O Lord ! throughout the entire day
An act of sin, never may an error
that displeases you
And earn my bread, working hard and true
Never hurt anyone`s, tender feelings
And be selfless and loving, in my dealings
May I always meditate,
even while walking around
In your memories and longing
May I remain forever bound,
Become worthy of your visions,
I simply plead
You are my soul`s, greatest need.
Written by : SAINT DR. GURMEET RAM RAHIM SINGH JI INSAN
dhan dhan satguru tera hi aasra
जवाब देंहटाएंधन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा
हटाएंधन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा
हटाएंDhan Dhan satguru Tera hi aasra
जवाब देंहटाएंधन धन सतगुरु तेरा ही आसरा
जवाब देंहटाएंDhan dhan satguru tera hi asara
जवाब देंहटाएंDhan dhan satguru tera hi asara
जवाब देंहटाएंDhan Dhan satguru tera hi aasra
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