आत्मा की खुराक है आत्मिक डाइट चार्ट | 15 -15 मिनट का लगातार अभ्यास बदल सकता है आपकी ज़िन्दगी, जानिए कैसे :-
आत्मा की खुराक क्या है ?
सुबह उठकर फ्रेश होना, नहाना-धोना, नाश्ता करना और अपने बिज़नस-व्यापार के लिए चले जाना व फिर रात को घर लौटने पर दोबारा रोटी खाकर सो जाना का नाम ही ज़िन्दगी नहीं है । आज हर कोई अपनी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने में लगा हुआ है, फिर चाहे उससे किसी का भला हो न हो पर मन का भला ज़रूर हो । इन्सान यह तो जानते हैं कि दुनिया में जीवित रहने और घर-परिवार का पालन-पोषण करने के लिए खाना-पीना ज़रूरी है पर वे ये नहीं जानते कि आत्मा और ज़मीर को जीवित रखने के लिए क्या खाना है ।
ज़िंदादिल रहने के लिए आत्मिक डाइट चार्ट बनाइये :-
Image sourceसंत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जिस प्रकार एक डॉक्टर मरीज़ को तंदरुस्त व स्वस्थ जीवन जीने के लिए खाने-पीने का डाइट प्लान बनाकर देते हैं उसी प्रकार संत-पीर-फ़क़ीर इन्सान की आत्मा व ज़मीर को जीवित रखने के लिए आत्मा का डाइट प्लान बनाकर देते हैं । गुरु जी फरमाते हैं कि आत्मा के डाइट प्लान का अर्थ है मैडिटेशन करना यानि इन्सान ऐसा क्या करे जिससे वो भगवान=अल्लहा=वाहेगुरू=गॉड को देख सके व पा सके ।
किन्तु बिज़ी लाइफ स्टाइल और काम-धंधा पाने की चाह में इंसान आज इतना व्यस्त हो चुका है कि उसे आत्मा के डाइट प्लान की परवाह ही नहीं, अगर उसे परवाह है तो है ज़्यादा रुपया कमाने और स्लिम बॉडी फिगर पाने की । पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि इंसान को सुमिरन का नियम बनाना चाहिए । जैसे आप सुबह तैयार होते हैं, नाश्ता करते हैं, पढ़ने जाते हैं, दफ्तर जाते हैं, खेती-बाड़ी आदि काम-धंधे पर जाते हैं । ऐसे ही सुबह उठकर हाथ-मुहँ धो लें, ताकि नींद उड़ जाए । अगर आपको यह मुश्किल लगता है तो लेटे-लेटे ही सुमिरन कर लें और अगर लेटकर भी सुमिरन नहीं कर सकते तो जब सुबह फ्रेश होने जाते हैं तब सुमिरन कर लें । क्योंकि ऐसे सुमिरन करना, सुमिरन न करने से तो लाख गुणा बेहतर है । आप जी फरमाते हैं कि अगर इन्सान लगातार दो महीने सुबह-शाम सिर्फ 15-15 मिनट ही सुमिरन कर ले तो ऐसा हो नहीं सकता कि उसे आत्मिक शांति न मिले । और अगर कोई 1-1 घण्टा सुबह-शाम सुमिरन करके देख ले तो हम लिखकर गारंटी देने के लिए तैयार हैं कि 100% आपके अंदर मालिक के नजारे आंएगे ही आंएगे । और अगर आप इस तरह दो महीनों के घण्टों को जोडकर देखो तो सिर्फ 5 दिन और रात बनते हैं ।
एक बार ठान लिया तो सब मुमकिन है :-
कितना आसान है बिना पैसे दिए और धर्म बदले आप अपने अंदर के आत्मबल को जगा सकते हैं और दुनिया के हर क्षेत्र में तरक्कियाँ हाँसिल कर सकते हैं । जिनके अंदर आत्मविश्वास यानि confidence नहीं होता, वो ज़रा-ज़रा सी बात पर घबरा जाया करते हैं और अगर आत्म-विश्वास हो तो छाती का जख्म भी लोग हंसते हंसते सहन कर लिया करते हैं । विज्ञान का मानना है कि एक इंसान जो दिमागी काम करता है वो केवल दिमाग का 15 से 20 प्रतिशत भाग ही इस्तेमाल कर पाता है जबकि आम इन्सान 10 प्रतिशत ही इस्तेमाल में ला पाता है । पहले विज्ञान ये बात मानने के लिए तैयार नहीं था कि कोई भी इंसान 20% से ज़्यादा दिमाग का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन अब विज्ञानिकों ने ये माना है कि जो भी व्यक्ति सुबह 2 से 5 बजे के बीच उठता है और उठकर कसरत व मालिक का नाम जपता है तो उस इंसान का दिमाग उसके आसपास के इंसानों के मुकाबले ज़्यादा तेज़ चलेगा और शरीर लंबे समय तक तंदरुस्त रहेगा ।
इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके अंदर से बुरे विचार चले जाएँ और बदले में आत्मबल नामक शक्ति आ जाए तो ज़रूरी है कि जैसे आप शरीर को तंदरुस्त रखने के लिए डाइट प्लान बनाते हैं उसी प्रकार आत्मा को खुराक देने के लिए आत्मिक डाइट प्लान बनाइये ।